लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया के कविता : आडियो

अनियाव सहय अउ देखय समझय वो तो कायर आए बहादुर नोहे
आघू पांव परे पाछू घात करे वो बइरी रे सगा पाहुन नोहे
जाके जंग म खेलय होरी असली वोही लाल लहू ये महाउर नोहे







(Chhattisgarhi Kavita Fagun by Laxman Masturiya लक्ष्‍मण मस्‍तूरिया की छत्‍तीसगढ़ी कविता)



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2 Thoughts to “लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया के कविता : आडियो”

  1. ARUN nigam

    बहुत सुग्घर वाह जी

  2. सवैया के बानी मस्तुरिया के जुबानी
    मन भर गे, आदरणीय मस्तुरिया जी ल सादर नमन

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